यूजीसी से दिल्ली के आठ विश्वविद्यालय फर्जी घोषित, फिर भी...
Read Moreविश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी 20 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में आठ दिल्ली के हैं। ये पूरी तरीके से फर्जी तौर पर संचालित किए जा रहे हैं। कुछ का ना तो आफिस है न वेबसाइट न कोई फोन नंबर या अन्य पता। कुछ बंद पड़े हैं तो कुछ में डिप्लोमा में फर्जी दाखिले लिए जा रहे हैं। एक में तो कंसलटेंसी चल रही हैं।
इन आठ में से पांच कामर्शियल यूनिवर्सिटी, यूनाइटेजड नेशन्स यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर-केंद्रित न्यायिक विश्वविद्यालय और भारतीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग संस्थान के पास कोई संपर्क विवरण नहीं है, लेकिन तीन के विवरण इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।
जहांगीरपुरी मेट्रो स्टेशन के पास चल रही विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फार सेल्फ एम्प्लायमेंट का नाम बदलकर विश्वकर्मा वोकेशनल यूनिवर्सिटी फार सेल्फ एम्प्लायमेंट कर दिया गया है। प्रबंधन अभी किसी के संपर्क करने पर प्रवेश ले रहा है।
यूजीसी ने राजेंद्र प्लेस मेट्रो से 450 मीटर की दूरी पर स्थित गोपाला टावर में एडीआर-सेंट्रिंक ज्यूरिडिकल विश्वविद्यालय का पता बताया है। दैनिक जागरण की टीम जब यहां पहुंची तो देखा कि आठवीं मंजिल पर बताए गए विश्वविद्यालय के पता पर प्लांट प्रोटेक्शन कंसल्टेंसी चल रही है।
एक कर्मचारी ने बताया कि वह इसी आफिस में बीते चार वर्ष से नौकरी कर रहा है। यहां कोई विश्वविद्यालय नहीं चल रहा है। अलीपुर में बीडीओ आफिस के पास संत कृपाल सिंह पब्लिक ट्रस्ट बिल्डिंग की पहली मंजिल पर स्थित आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक एंड फिजिकल हेल्थ साइंसेज की वेबसाइट के अनुसार, इसे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के साथ रोजगार निदेशालय द्वारा मान्यता प्राप्त है।
वेबसाइट के मुताबिक, संस्थान में सैनिटरी इंस्पेक्शन में डिप्लोमा, औद्योगिक पाठ्यक्रम, इंजीनियरिंग और आइटी, व्यावसायिक पाठ्यक्रम, पेरामेडिकल पाठ्यक्रम और पॉलिटेक्निक के डिप्लोमा पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। ऑफिस में कुछ लोग कंप्यूटर पर काम कर रहे थे। दीवारों पर पाठ्यक्रमों के पोस्टर चिपके थे।
एक कर्मचारी ने दावा किया कि संस्थान पूरी तरह से सत्यापित है। हम डिग्री नहीं बल्कि डिप्लोमा देते हैं। केवल सैनिटरी इंस्पेक्टर का डिप्लोमा चल रहा है।आध्यात्मिक विश्वविद्यालय दे रहा निश्शुल्क दाखिलारोहिणी सेक्टर पांच स्थित विजय विहार में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में कोई भी निश्शुल्क दाखिला ले सकता है।
कर्मचारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय में सात दिवसीय पाठ्यक्रम है और अधिकांश छात्र यहीं रहते हैं। यूजीसी की गाइडलाइन में आध्यात्मिकता का कोई प्रविधान नहीं है। इसलिए हम पंजीकृत नहीं हो सकते तो वे हमें फर्जी कैसे कह सकते हैं।
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